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Showing posts from August, 2018

वक्त

Short Film: वक्त सीन 01 एक बड़ा सा घर है वहाँ एक आदमी रहता है जो अपने कमरे मे है जिसका नाम आयुष है और वही एक और औरत , घर के दरवाजे की घंटी बजाती है जिसका नाम दृष्टि होता है वह दो तीन बार बजाती है एक आवाज आती है आयुष : कौन है ? दृष्टि : अरे बाबा गेट खोलो आयुष : कौन ? दृष्टि : तुम्हारी पत्नी , जल्दी खोलो आयुष : दरवाजा खोलता है दृष्टि : बड़ी खुशी के साथ हग करती हुई : इतना टाइम कहाँ लगा दिया ……. ऊपर से पुछ रहे हो कौन ? आयुष : कही नहीं , बस एसे ही दृष्टि : शक की नजरों से देखते हुए : कही तुमने रात को ज्यादा चड़ा तो नही ली , जो ऐसा आज बिहेव कर रहे हो वो अंदर लेकर आयुष को आती है | (कट) सीन 02 दृष्टि और आयुष कमरे के अंदर है वे टीवी देख रहे है   दृष्टि : आयुष …... पता नही आज तुम ,   इतने बदले - बदले क्यो लग रहे हो ? आयुष : नही तो …. बस ऑफिस के काम से थोड़ा परेशान हूँ दृष्टि : आयुष के सर पर हाथ फेरहते हुए : चलो टेंशन न लो , मे हूँ ….. ये बात छोड़ो , कल रात को ,   क्या बनाया था तुमने ? मुझे बहुत तेज भूख लगी है