सीन 01 एक बड़े से हॉल मे पार्टी चल रही है यहाँ कई बड़े बड़े लोग पार्टी मे मौजूद है वहीँ एक आदमी ने दारू पी रखी है और अपनी पत्नी से लड़ रहा है। पति : देखो अब चुप हो जाओ पत्नी : नही , अब मे चुप नही होउंगी तुम्हारा हमेशा का है... पति : आग बगूला होकर थप्प्ड़ मार कर : चुप बस अचानक थप्प्ड़ की आवाज से चारो तरफ सन्नाटा हो जाता है पत्नी चारो तरफ देखती और पलट कर पति को थप्प्ड़ मार देती है और वहाँ से चली जाती है कुछ देर बाद पति भी निकल जाता है (कट) सीन 02 घर जाते ही वह जल्दी जल्दी सामान पैक कर मायके जाने लगती है और पति उसको चुप-चाप देख रहा है (कट) सीन 03 पत्नी मायके पहूँचती है माँ : अभी तु इस वक्त कैसे ? नीलम : बस अब मे नही जाउंगी वहाँ माँ : मगर बात क्या है ? फिर तुम लोगो का झगड़ा हो गया नीलम बात काटते हुए और बड़बड़ाते हुए अपने कमरे मे चली जाती है (कट) सीन 04 अगले दिन राकेश उठता है तो देखता है कि घर की हालत बहुत खराब है सामान इधर उधर पड़ा हुआ होता है उसे बहुत तेज भूख भी लग रही होती है जब वह रसोईघर मे जाता है कुछ बनाने के लिय तो उस्से कभी दुध गिर...