Skip to main content

Posts

बूंदा-बांदी और नाले का पानी

बारिश का मौसम था। हल्की-हल्की बारिश की बूंदा-बांदी हो रही थी शाम के छः बज रहे थे लोग अपने दफ्तर से घर की और जाने के लिए बस स्टेंण्ड पर बस का इंतजार कर रहे थे अन्य दिन के मुकाबले बस की सेवा भी बहुत कम थी बस भी नही आ रही थी वहीं उसी लोगो की भीड़ मे एक 20 वर्ष का लड़का बस स्टेंण्ड पर बैठा हुआ था। उसके चेहरे पर हल्की-हल्की दाढी-मूछ थी आँखो का रंग भूरा था और साधारण से कपडे पहने हुए थे ऊपर केसरी रंग का कुर्ता था और नीचे काले रंग की पेंट। अपनी गोद मे बैग लिए हुए उसे बजा रहा था। अन्य लोगो के मुकाबले वह  लड़का बहुत धैर्य पूर्वक बैठा हुआ अपनी मस्ती से मग्न था। कभी बैग बजाता , कभी गाना गाता तो कभी अपने आप में बढबढाता हुआ नाटक करता। आस-पास खडे स्टेंण्ड पर लोग उसे पागल समझते लेकिन उस लड़के को ये परवाह नही थी कि लोग क्या सोचते है लोगो कि सोच को वह अपने पर हावी नही होने देता। काफी देर बाद एक लोकल वाहन आता है , उस बस स्टेंण्ड पर और वह वाहन चालक सवारी को आवाज लगाता है। वह लड़का उस वाहन चालक के पास जाता है , पूछता है “खानपुर चलोगें।” वाहन चालक उस लड़के को टका सा जवाब देते हुए कहता है “भईया खानप...

Silent Tears Heart Touching Short Film

आज के इस युग मे एक कहावत है कि “एक माँ-बाप से चार औलद तो पाली जा सकती है लेकिन चार औलाद से एक माँ बाप नही”। आज का हमारा ये लेख इसी पर आधारित है। “साईलेंट टियर्स”  एक दिल को छुने वाली एक कहानी है जो कही ना कही एक हर घर की सच्चाई है। जिसे एक विडियो के माध्यम से निर्देशक  युनुस खान   और निर्देशक सहयोगी  इक्बाल खान   ने दर्शया है। इस कहानी के लेखक  एहसास रॉक ,  इसके एडिटर  हयान आर्यन  और कास्टिंग  विवेक  और  सुमित  द्वारा की गई है। इसको  7एम्पायरफिल्म   के कलाकरो ने प्रस्तुत किया है| एक औरत की शादी को दस साल से ज्यादा हो गए है उसकी कोई संतान नही हुई है वह औरत हर रोज पार्क मे जाके छोटे-छोटे बच्चे को देखकर खुश होती है लेकिन ये समाज जिसका कोई बच्चा नही होता है तो उसे बांज या हिन भावना से देखने लगता है तरह तरह की बाते बनाता है लेकिन वह औरत फिर भी सबका सम्मान करती है। एक सुबह वह मंदिर जा रही होती है तो उसे वहाँ एक दो वर्ष की बच्ची रोती हुई दिखाई देती है ,  वह उस बच्ची की उपेक्षा करके आगे ...

कलाकार

एक बड़ा सा कमरा है वही उसी बीच मे कैमरा , लाईट और हरा पर्दा लगा हुआ है। उस पर्दे के सामने बीस साल का लड़का , जिसका नाम एहसास है वह अपने dialogue बोल रहा है। सीन 01   एहसास : हाँ हाँ …..   मै छोटा हूँ , मै काला हूँ , मै नाटा हूँ तो... क्या मै एक्टर नही बन सकता , बॉलीवुड के काका चाचा और मामा कहते है   कि एक्टिंग के लिये शक्ल सुरत की जरुरत नही बस टेलेंट का होना जरुरी है ( कट ) सीन 02 एहसास सो रहा होता है आराम से इतने में एक तेज आवाज एहसास के कानो तक आती है, जो उसके पापा की है| पिता : अबे उठ जा तु बन गया हीरो , फिर सपने मे बड़ बड़ कर रहा है चल जाके दुध लेक आ जा एहसास:   नीन्द मे : क्या पापा ?   इतने अच्छे सपने से जागा दिया (कट)     सीन 03 एहसास और उसका दोस्त राहुल दोनो दुध की डोलची लेके दुध लाने के लिए जा रहे है। एहसास : मै हू पागल , हाँ मै हूँ पागल एहसास ये बोलते बोलते राहुल के डोलची मुहँ पे मार देता है। राहुल : हलके गुस्से मे : भाई बस करना यार तु सच मे पागल हो जाएगा...

जैसी करनी, वैसी भरनी | Short Film

सीन 01 एक बड़े से हॉल मे पार्टी चल रही है यहाँ कई बड़े बड़े लोग पार्टी मे मौजूद है वहीँ एक आदमी ने दारू पी रखी है और अपनी पत्नी से लड़ रहा है। पति : देखो अब चुप हो जाओ पत्नी : नही , अब मे चुप नही होउंगी तुम्हारा हमेशा का है... पति : आग बगूला होकर थप्प्ड़ मार कर : चुप बस अचानक थप्प्ड़ की आवाज से चारो तरफ सन्नाटा हो जाता है पत्नी चारो तरफ देखती और पलट कर पति को थप्प्ड़ मार देती है और वहाँ से चली जाती है कुछ देर बाद पति भी निकल जाता है (कट) सीन 02 घर जाते ही वह जल्दी जल्दी सामान पैक कर मायके जाने लगती है और पति उसको चुप-चाप देख रहा है (कट) सीन 03 पत्नी मायके पहूँचती है माँ : अभी तु इस वक्त कैसे ? नीलम : बस अब मे नही जाउंगी वहाँ माँ : मगर बात क्या है ? फिर तुम लोगो का झगड़ा हो गया नीलम बात काटते हुए और बड़बड़ाते हुए अपने कमरे मे चली जाती है (कट) सीन 04 अगले दिन राकेश उठता है तो देखता है कि घर की हालत बहुत खराब है सामान इधर उधर पड़ा हुआ होता है उसे बहुत तेज भूख भी लग रही होती है जब वह रसोईघर मे जाता है कुछ बनाने के लिय तो उस्से कभी दुध गिर...

शक्ल | अहसास विद आरज़ू

शक्ल | अहसास विद आरज़ू अहसास एक जवान लड़का। जो अकेला रहता है। अपने आप को अंधेरे में रखता यानी उसके कमरे की हर वक्त लाइट बंद रहती है। उनकी जिंदगी में कुछ ऐसा घटा है जिसके कारण वे खुद को अकेला कर लिया है। किसी से मिलना पसंद नहीं करता। कहीं जाना भी नहीं चाहता। अहसास के घर में और कोई नहीं है। मम्मी - पापा गुजर चुके हैं और भाई - बहन हैं नहीं। उसका एक दोस्त है जिसका नाम सूरज है। सीन 01 : सूरज अहसास के घर आता है उसे अपने साथ कहीं बाहर ले जाने के लिए सूरज : अहसास चल कहीं बाहर चलते हैं। अहसास : नहीं , मेरा मन नहीं है। सूरज : यार , कब तक अपने को कमरे में बंद करके रखेगा ? चल मेरे साथ। अहसास थोड़ी देर उसे देखता है और फिर साथ चल देता है। ( कट ) सीन 02 : दोनों मार्किट में हैं , गोलगप्पे की दुकान पर। दुकान पर कुछ दोस्त और भी है जो गोलगप्पे खा रहे हैं और मस्ती कर रहे हैं। ( दो लड़के है और दो लड़कियां ) पहला लड़का दोस्त ( गोलगप्पे वाले से ) : भाई थोड़ा तीखा बना। दूसरा लड़का दोस्त ( अपने दोस्त से ) : अबे , पेट खराब करवाना है क्या ? पहली लड़की दोस्त ( अपनी दोस्त आ...